1972 और 1996 में मोसाद ने इसी तरह संचार के उपकरणों यानी फोन और मोबाइल को ही बम बना दिया था और उसके जरिए अपने दुश्मनों का खात्मा कर दिया था। सितंबर 1972 की म्यूनिख ओलंपिक में 11 इजरायली खिलाड़ियों की हत्या का बदला फिलिस्तीन मुक्ति संगठन से लेने के लिए तब मोसाद ने एक खौफनाक ऑपरेशन को अंजाम दिया था।