बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में कहा ‘सुरक्षा की जिम्मेदारी…’

जयशंकर ने बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के बारे में लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह बयान दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार अल्पसंख्यकों सहित बांग्लादेश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। जयशंकर ने बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के बारे में लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह बयान दिया।विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार ने अगस्त 2024 से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं की कई रिपोर्टें देखी हैं, जब शेख हसीना को बांग्लादेश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हाल ही में दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान मंदिरों और पूजा मंडपों पर हमलों की खबरें भी सामने आईं।

जयशंकर ने अपने जवाब में कहा, “सरकार ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है और बांग्लादेश सरकार के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया है।” जयशंकर ने यह भी कहा कि ढाका में भारतीय उच्चायोग बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों से संबंधित स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। उन्होंने कहा, ”अल्पसंख्यकों सहित बांग्लादेश के सभी नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी बांग्लादेश सरकार की है।” विदेश मंत्री की यह प्रतिक्रिया बांग्लादेश में गिरफ्तारी पर विरोध और अशांति के बीच आई है। इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) बांग्लादेश के पूर्व पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी पर देशद्रोह के आरोप में अक्टूबर में एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने का आरोप है।

विपक्ष सहित भारत के कई राजनीतिक नेताओं ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की है और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना ने भी गिरफ्तार हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास का समर्थन करते हुए कहा है कि उन्हें “अन्यायपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया गया” और उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। हसीना ने बांग्लादेश सरकार से उन धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की रक्षा करने का भी आह्वान किया है, जिन्होंने अगस्त में उनके सत्ता से हटने के बाद से हिंसा का सामना किया है।

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