लोगों की डेली लाइफस्टाइल में इतने बदलाव हो चुके हैं, कि कोई भी बीमारियां आसानी से उन्हें अपना शिकार बना ले रही हैं। बता दें उनमें से कुछ बीमारियां ऐसी भी हैं, जिनके लक्षण तो समझ भी नहीं आते, पर वो सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। वैसे ही बीमारियों में शामिल है एंडोक्राइन, इस बीमारी से जुड़ी समस्याएं भी शामिल हैं। इस बीमारी के लक्षण काफी अजीब होते हैं, पर फिर भी लोग इन पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, जिस वजह से आगे चलकर इससे होने वाली परेशानी बढ़ जाती है। आज हम आपको इस लेख में आपको एंडोक्राइन से जुड़ी परेशानियों के बारे में बताने वाले हैं। साथ ही इनके लक्षण क्या हैं? जिससे आप इन परेशानियों को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे और सही तरीके से अपनी जीवनशैली को बदल पाएंगे।
बता दे, एंडोक्राइन सिस्टम मानव शरीर की अलग-अलग ग्रंथियों का एक ग्रुप है, जो हार्मोन का निर्माण करते हैं। जिससे ये हार्मोन मानव शरीर के अलग-अलग अंगों और उनके द्वारा होने वाले लक्षण को नियंत्रित करते हैं। पर जब इन ग्रंथियों में कोई परेशानी होती है, तो हार्मोन का निर्माण होना असंतुलित हो जाता है, जिसके वजह से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं।इनसे होने वाले अजीब लक्षणों पर ध्यान दें:
दिल की धड़कन तेज होना – सामान रूप से दिल की धड़कन को तेज होना दिल से जुड़ी परेशनियों से जोड़ा जाता है, पर आपको बता दें यह ओवरएक्टिव थायरॉइड का भी संकेत हो सकता है।
प्यास और खुजली – अगर शरीर के किसी भी भाग में अचानक खुजली होने लगे और प्यास भी ज्यादा लगे तो ये डायबिटीज का संकेत हो सकता है, जो पैंक्रिया ग्लैंड में गड़बड़ी के कारण से होता है।
वजन बदलना- अचानक आपका वजन बिना किसी कारण बढ़ने लगे या कम होने लगे तो ये भी एंडोक्राइन विकार का संकेत हो सकता है।
नींद में बदलाव- नींद न आना या जरुरत से ज्यादा नींद आना भी एंडोक्राइन समस्या का संकेत हो सकता है।
दृष्टि में बदलाव: अगर आपको धुंधला दिखना या कम दिखाई दे रहा है तो ये पिट्यूटरी ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
हड्डियों का कमजोर होना- अगर हल्की सी चोट लगने पर या छींकने भर से हड्डियों का टूटना मेटाबोलिक बोन डिजीज का संकेत हो सकता है।
दांतों के बीच गैप बढ़ना- अगर आपके दांतों के बीच का गैप बढ़ रहा है तो ये भी एक्रोमेगाली का संकेत हो सकता है। यह पिट्यूटरी ग्लैंड में ग्रोथ हार्मोन के ज्यादा बढ़ने की वजह से होता है।
अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण का अनुभव हो, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। एंडोक्राइनोलॉजिस्ट इन परेशानियों का निदान और इलाज करने के विशेषज्ञ होते हैं। आप उनकी मदद से इन समस्यांओ से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।
साथ ही इन बातों का भी रखें ध्यान: हेल्दी डाइट, नियमित एक्सरसाइज और तनाव मुक्त जीवनशैली अपनाने से आप एंडोक्राइन से होने वाले विकारों के जोखिम को कम कर सकते है। इसके अलावा नियमित स्वास्थ्य जांच करवाने से भी कई बीमारियों का समय रहते पता लगाया जा सकता है। इसके साथ ही आप एंडोक्राइन विकारों के बारे में लोगों को जागरूक करें, इसके बारे में जानकारी लोगों को देना बहुत जरूरी है।