दिवाली नजदीक है और ऐसे में बच्चों की उत्साह देखते ही बनती है. घर की साफ़ सफाई में भी वो बढ़ कर हिस्सा लेते है ताकि उन्हें अपने बड़ों द्वारा आसानी से पटाखे मिल सके. हालाँकि समय बदलने के साथ पटाखों से होने वाली घटनाएं भी प्रतिवर्ष बढ़ती ही जा रही है. पटाखों से होने वाले हादसे का शिकार केवल बच्चे ही नहीं बल्कि बड़े और बुजुर्ग भी शामिल हैं. चिकित्सक के अनुसार पटाखों से होने वाले धुएं से सांस के जरिए अंदर जाने से जिन लोगों को अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी बीमारियाँ पहले से है वो और भी बिगड़ जाती हैं.
दिवाली के दौरान दी जाने वाली तमाम जागरूकता अभियान के बाद भी बच्चों से लेकर बड़े सभी दिवाली पर जमकर पटाखे फोड़ते हैं. बहुत ज्यादा धुंआ देने वाली छुरछुरी से लेकर काफी ज्यादा आवाज़ करने वाला बम तक फोड़ना लोगों के लिए काफी एक्साइटमेंट भरा हुआ होता है. बता दें, पटाखों को फोड़ने के दौरान बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. क्यूंकि दीपावली में पटाखे जलाते समय होने वाला छोटा सा हादसा भी कभी- कभी जानलेवा साबित हो सकता है.
बता दें, पटाखों को असावधानी से जलाने की वजह से हाथ, चेहरा और आंखें सबसे ज्यादा प्रभावित होता हैं. पटाखों से होने वाली इन जोखिमों से बचने के लिए सुरक्षा के इन उपायों का पालन करना बेहद जरुरी है, जैसे कि सबसे पहले तो आपको पटाखे अच्छी क़्वालिटी वाला खरीदना चाहिए ताकि जो लाइट देने वाले पटाखें हो उनसे सिर्फ़ रौशनी ही मिले, आज कल रौशनी देने वाले भी पटाखें ब्लास्ट हो जा रहे है. जिस वजह से आप जहाँ आतिशबाजी हो रही है उस जगह से काफी दूरी बना कर रख सकें.
हालांकि अगर गलती से भी आप पटाखों से जल गए है तो जलने पर चोट पर तुरंत ठंडा पानी डाले और जले हुए भाग पर कोई भी एंटीसेप्टिक क्रीम का इस्तेमाल तुरंत करना चाहिए. इसके साथ ही अगर आप थोड़ा भी झुलस गए हैं तो उस जगह पर तुरंत तुलसी के पत्तों का रस लगा लें. तुलसी सारे लोगों के घर में आसानी से मिल जाता है, इससे जलन कम होगी और साथ ही जलने का निशान भी नहीं पड़ेगा. पर घाव ज्यादा है तो इसका उपयोग ना करें. इसके साथ ही अगर कोई पटाखे से हल्का जल गया है तो तुरंत नारियल का तेल लगा दें. क्यूंकि नारियल के तेल की तासीर ठंडी होती है जिससे जलन में राहत मिलेगा. साथ ही ठीक होने पर भी नारियल का तेल लगाने से निशान नहीं पड़ेगा. वैसे अगर घर में आलू है तो उसका भी उपयोग कर सकते है आप. जले पर कच्चे आलू का रस भी लगाया जाता है. ये भी काफी ठंडा होता है इससे जलन में राहत होगी और काफी आराम मिलेगा.