हिंदू धर्म में महापर्व छठ का बहुत महत्व है। बड़ी छठ पूजा का त्योहार यूपी, बिहार और झारखंड समेत भारत के कई राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करने की परंपरा है। छठ पर्व 5 नवंबर से शुरू हो चुका है और इसका समापन 8 नवंबर को होगा। छठ पूजा के दूसरे दिन खरना किया जाता है। खरना के दिन रखा जाने वाला व्रत 36 घंटे तक चलता है। इस व्रत को रखने वाले लोगों को कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। अगर आप पहली बार छठ पूजा का व्रत रखने जा रहे हैं तो यहां आपके लिए खरना पूजा सामग्री की लिस्ट दी गई है. इसकी मदद से आप जान सकते हैं कि खरना पूजा में किन-किन चीजों की जरूरत पड़ेगी और आपको किन-किन चीजों की जरूरत पड़ेगी।
फल, फूल, पान की थाली, सुपारी, चावल, सिन्दूर, गाय का घी, शहद, धूप, शकरकंद, मिश्री, गेहूं, चावल का आटा, गुड़, सूप, अरवा चावल, गंगा जल, बांस की दो बड़ी टोकरियाँ, पीतल का एक बर्तन, ठेकुआ का प्रसाद, साधक के लिए नए कपड़े, पत्तों वाला गन्ना, हरी मूली, अदरक और हल्दी का पौधा, बड़ा नींबू, पानी वाला नारियल, मिठाई। इस दिन रोटी, गुड़ की खीर और फलों का भोग लगाया जाता है. खरना के दिन छठी मैया का विशेष प्रसाद केवल व्रती महिलाएं ही बनाती हैं और शाम को छठी मैया को भोग लगाने के बाद ही इसका सेवन करती हैं। खरना से शुरू होने वाला व्रत सप्तमी तिथि को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होता है।
खरना के दिन मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाई जाती है. इसके लिए पीतल के बर्तनों का प्रयोग किया जाता है। यह खीर बहुत ही पवित्रता के साथ बनाई जाती है. खीर के अलावा गुड़ की मिठाइयाँ, ठेकुआ और लड्डू आदि भी बनाये जाते हैं। खरना की विशेष खीर व्रत करने वाला ही बनाता है। पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को व्रती इस गुड़ की खीर का सेवन करते हैं। शाम को व्रती अपने कमरे बंद कर खीर का सेवन करते हैं।