हिंदू का मतलब विश्व का सबसे उदारतम मानव, जो सब स्वीकार करता है : मोहन भागवत

संघ प्रमुख ने कहा कि राष्ट्र को परम वैभव संपन्न और सामर्थ्यवान बनाने का काम पुरुषार्थ के साथ करने की आवश्यकता है और हमें समर्थ बनना है, जिसके लिए पूरे समाज को योग्य बनाना पड़ेगा।

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